सोमवार, 7 जुलाई 2008

तौल

मुसलसल टूटना दिल का मेरा, जारी रहा !

मौत से जीस्त का पलड़ा मगर, भारी रहा !!
-बवाल

मुसलसल = लगातार, जीस्त = जीवन