सोमवार, 22 सितंबर 2008

इंसान बनाम भगवान् (लाल विथ बवाल)


विगत कुछ दिनों से देश और विदेश में आने वाली बाढ़, तूफ़ान, आतंकवादी गतिविधियों से त्रस्त एवं आक्रोशित जनता ने समीर लाल जी के पास उड़नतश्तरी में भगवान से पूछने के लिए जबरदस्त सवाल भेजे। लाल साहेब उस समय पोएट्री मोड में थे और थोड़े बिज़ी भी, फिर भी जनता का दबाव देखते हुए उन्होंने वहीं से उसे कुछ ऐसे फॉरवर्ड कर दिया - (पढ़िए)

ऐसा क्या कर डाला था इतने सब नादानों ने ?

फिर तुमने क्यों बदल दिया है शहरों को शमशानों में ?

माना भूल किया करता है, तभी तो है इंसानों में !

वरना वो भी बसता होता, तुम संग ही भगवानों में !!

वैसे ही क्या कम दुःख हैं, आज के इन ज़मानों में !

कुछ तो भेद किया होता जी, बूढ़ों और जवानों में !!


------समीर लाल (फॉर जनता बेहाल)

और भगवान ने इंसान को जो जवाब दिया वो लाल-एन-बवाल के ईमेल पर रिसीव हो गया। कंप्यूटर फूटते फूटते बचा भैया। लीजिए भगवान का प्रलय कारी किस्म का जवाब भी पढ़ते जाइए।

बड्डे इसकर बदल रहा हूँ , शहरों को शमशानों में !

(के) नादानों ने मेरी गिनती, कर ली है नादानों में !!

ये तो माना भूल, हुआ करती है तुम इंसानों में !

पर मत भूलो, भोले का है काम यही भगवानों में !!

दुख और सुख तो साथ,चले आए हैं सभी ज़मानों में !

मैं ना करता भेद कभी भी, बूढ़े और जवानों में !!

भेद तुम्हीं करते क़ुरान में, बाइबिल और पुराणो में !

भगवानों को खड़ा किया है, तुमने ही दीवानों में !!

मेरी खिल्ली उड़ा रहा है, इंसान खुली ज़बानों में !

वरना वो भी बस सकता है, हम संग ही भगवानों में !!

------ (भगवान लाजवाल ) द्बारा बवाल

7 टिप्‍पणियां:

संगीता पुरी ने कहा…

बहुत करारा जबाब दिया है भगवान ने इंसानों को। इंसान खुद ही गलती करता है और भगवान को दोष देता है। बहुत अच्छी पोस्ट।

Udan Tashtari ने कहा…

सही है बवाल :)

बेनामी ने कहा…

लाल, बबाल, समीरलाल!

seema gupta ने कहा…

मैं ना करता भेद कभी भी, बूढ़े और जवानों में !!
भेद तुम्हीं करते क़ुरान में, बाइबिल और पुराणो में !
भगवानों को खड़ा किया है, तुमने ही दीवानों में !!
मेरी खिल्ली उड़ा रहा है, इंसान खुली ज़बानों में !

' bhagvan ne to apna jvab bda sdha hua or steek diya hai, kash insaano ke smej mey kuch to aaye" bhut accha lga pdh kr.

Regards

dhiru singh { धीरेन्द्र वीर सिंह } ने कहा…

sunder sunder sunder bhai
wah bhai wah

makrand ने कहा…

direct hit at consious mind
regards

gsbisht ने कहा…

कुछ लोग पुराण को जानते हैं,
कुछ सिर्फ़ कुरान को मानते हैं ।
कुछ राम रहीम की दोनों में,
एकल सूरत पहचानते हैं ।