तेरी अंजुमन में ज़ालिम, अजब एहतिमाम देखाकहींज़िंदगी की बारिश, कहीं क़त्लेआम देखा बवाल साहब अपने मेरी मन की अभिव्यक्ति को शेरो में जगह दे दी है.बहुत सामायिक उम्दा शेर.बधाई
बवाल साहेब एक बेहद उम्दा शेर पढ़वाने के लिए तहे दिल से शुक्रिया....और भी पढ़वईये ना.नीरज
बेहतरीन वीनस केसरी
क्या बात है, बहुत उम्दा!!!एक मेरी जोड़......दंगो में मरने वालों में, हमने तो बस इन्सान देखा...कहीं पे राम मरता था, मरा था कहीं रहमान देखा...
" bhut sachee abyeevyktee aaj ke halat pr, sara dard seemt aaya hai is sher mey""smejtey thye hum ke sub kuch khuda ke hath hai,pr ye kya, maut ka bhee faisla inssan-e-hath dekha..."Regards
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5 टिप्पणियां:
तेरी अंजुमन में ज़ालिम, अजब एहतिमाम देखाकहीं
ज़िंदगी की बारिश, कहीं क़त्लेआम देखा
बवाल साहब अपने मेरी मन की अभिव्यक्ति को शेरो में जगह
दे दी है.बहुत सामायिक उम्दा शेर.
बधाई
बवाल साहेब एक बेहद उम्दा शेर पढ़वाने के लिए तहे दिल से शुक्रिया....और भी पढ़वईये ना.
नीरज
बेहतरीन
वीनस केसरी
क्या बात है, बहुत उम्दा!!!
एक मेरी जोड़......
दंगो में मरने वालों में, हमने तो बस इन्सान देखा...
कहीं पे राम मरता था, मरा था कहीं रहमान देखा...
" bhut sachee abyeevyktee aaj ke halat pr, sara dard seemt aaya hai is sher mey"
"smejtey thye hum ke sub kuch khuda ke hath hai,
pr ye kya, maut ka bhee faisla inssan-e-hath dekha..."
Regards
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