इधर को आकर जता गए वो,
उधर को रुख़ अब मना है बाबू !
वहीं है आबाद मेरी दुनिया,
तभी तो मुश्किल है दिल पे क़ाबू ?
----बवाल
बड़ा पेचीदा मामला है।
"duniya aabad bhee or dil mushkil mey bhee....???????'Regards
waah!!
बहुत इधर उधर भी ठीक नहीं...मगर है बेहतरीन..वाह!!
pandit ji bahut khoob apka rukh is samay kis or hai or is samay kahan abaad hai . ha ha . bahut khoobasoorat . badhai.
भाई बहुत खूब...एक शेर याद आ गया:"तर्क-ऐ-मय का इशारा जो करती हैं मुझेलुत्फ़ ये है की उसी आँख में मयखाना है"नीरज
लगे रहो बवालभाईअच्छा हैसब सच्चा है
सुंदर
इधर को आकर जता गए वो, उधर को रुख़ करो बता गए वो कैसे आबाद करुँ अपनी दुनिया ,दिल है बेकाबू ,सता गए वो
शुक्रिया....! आप तो दिल की जानिब चलो बवाल भाई...वहीं सुकून है...वहीं...काबू करने का अहले करम भी.
एक पुराना शेर याद आ गयानर्मी औ’ शाइस्तगी से पांव रकने की अदासीख लेळ शबनम के कतरे आपकी रफ़्तार से
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11 टिप्पणियां:
बड़ा पेचीदा मामला है।
"duniya aabad bhee or dil mushkil mey bhee....???????'
Regards
waah!!
बहुत इधर उधर भी ठीक नहीं...मगर है बेहतरीन..वाह!!
pandit ji bahut khoob apka rukh is samay kis or hai or is samay kahan abaad hai . ha ha . bahut khoobasoorat . badhai.
भाई बहुत खूब...एक शेर याद आ गया:
"तर्क-ऐ-मय का इशारा जो करती हैं मुझे
लुत्फ़ ये है की उसी आँख में मयखाना है"
नीरज
लगे रहो बवालभाई
अच्छा है
सब सच्चा है
सुंदर
इधर को आकर जता गए वो,
उधर को रुख़ करो बता गए वो
कैसे आबाद करुँ अपनी दुनिया ,
दिल है बेकाबू ,सता गए वो
शुक्रिया....! आप तो दिल की जानिब चलो बवाल भाई...वहीं सुकून है...वहीं...काबू करने का अहले करम भी.
एक पुराना शेर याद आ गया
नर्मी औ’ शाइस्तगी से पांव रकने की अदा
सीख लेळ शबनम के कतरे आपकी रफ़्तार से
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