सवाले-खु़श्क को जवाब है, फुहारों का !भँवर में ज़िक्र भी तो छेड़िए, किनारों का !!kya baat hai
"fhuhron se svale-khushk behla nahee krty...jo bhavrn mey hon, vo kenaron pe fir kabhee tehla nahee krtyn..."Regards
वाह बहुत खूब ।
बहुत बढ़िया बबाल जी .हम तो भंवरो में ही तेरा करते है हा हा हा
बहुत बढ़िया बबाल जी .हम तो भंवरो में ही तैरा करते है हा हा हा
वकील साहब,बहुत उम्द्दी रचना. कम शब्दों में बड़ी बात.मैं तो इसे यूँ समझ रहा हूँ (क्योंकि आप पेशे से वकील हैं)................ भंवर में फसे लोगो को ज्यों ही किनारे पर आप ही ले कर आते हैं.तभी उनके खुश्क चेहरों पर खुशी की फूआर नज़र आती है.चन्द्र मोहन गुप्त
आइये बात करें चाँद के सितारों के ऐन तूफानों में अब ज़िक्र हो सहारों का
bahut accha
waah!!
बहुत उम्दा!! वाह!
सलामे इश्क को...........सलामे इश्क को जवाब है ,नजारों का !चाँद का ज़िक्र करें,छोडिये,सितारों का !!
बहुत खूब बवाल जी
वह क्या बात कही साहब आपने बहोत खूब ,मज़ा आगया ..
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13 टिप्पणियां:
सवाले-खु़श्क को जवाब है, फुहारों का !
भँवर में ज़िक्र भी तो छेड़िए, किनारों का !!
kya baat hai
"fhuhron se svale-khushk behla nahee krty...
jo bhavrn mey hon, vo kenaron pe fir kabhee tehla nahee krtyn..."
Regards
वाह बहुत खूब ।
बहुत बढ़िया बबाल जी .
हम तो भंवरो में
ही तेरा करते है
हा हा हा
बहुत बढ़िया बबाल जी .
हम तो भंवरो में
ही तैरा करते है
हा हा हा
वकील साहब,
बहुत उम्द्दी रचना. कम शब्दों में बड़ी बात.
मैं तो इसे यूँ समझ रहा हूँ (क्योंकि आप पेशे से वकील हैं)................
भंवर में फसे लोगो को ज्यों ही किनारे पर आप ही ले कर आते हैं.
तभी उनके खुश्क चेहरों पर खुशी की फूआर नज़र आती है.
चन्द्र मोहन गुप्त
आइये बात करें चाँद के सितारों के
ऐन तूफानों में अब ज़िक्र हो सहारों का
bahut accha
waah!!
बहुत उम्दा!! वाह!
सलामे इश्क को...........
सलामे इश्क को जवाब है ,नजारों का !
चाँद का ज़िक्र करें,छोडिये,सितारों का !!
बहुत खूब बवाल जी
वह क्या बात कही साहब आपने बहोत खूब ,मज़ा आगया ..
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