मंगलवार, 31 मार्च 2009

आता है रफ़्त: रफ़्त: ......................(बवाल)

मकीं जो होते हैं आ के दिल में, उन्हीं से होता है दिल-शिकस्त:
ये वो हक़ीक़त है जिसपे सबको, यक़ीन आता है रफ़्त: रफ़्त:
मकीं = रहने वाले , शिकस्त: = टूटता

20 टिप्‍पणियां:

"अर्श" ने कहा…

BADE BHAAEE SAHIB NAMASKAR,
SAHI FARMAAYA AAPNE BILKUL SAHI LIKHA HAI...DIL ME RAHNE WALA HI DIL TODTA HAI YE BAAT KA PATA AAHISTA AAHISTA CHAL TA HAI.... MAAN GAYE GURU HO AAP.. CHHUPE RUSTAM...BHAABHI JAAN KO SALAAM KAHANA AUR CHHOTE BAWAAL JI KO DHER SAARA PYAR...
DUA KARTA HUN MERE GHAR KI TARAH AAPKA GHAR BHI KHUSHBUON KA GHAR HO..


ARSH

विवेक सिंह ने कहा…

सब ठीक तो है भाई जान ? खुदा खैर करे !

Girish Kumar Billore ने कहा…

एलोट कीजिये आस्तीन उन को ए बवाल
दस्तूर सपोलों के लिए तय यही तो है ...?

Vinay ने कहा…

मियाँ पूरी ग़ज़ल पेश करिए, यह फुटकर अशआर कब तक!

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तख़लीक़-ए-नज़र

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

भाई जान देर के लिए माफी लेकिन मजेदार और गहरी अनुभूति के साथ लिखें है आप .

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

बहुत गहरी बात कह गये आज तो उस्ताद जी.

रामराम.

seema gupta ने कहा…

मकीं जो होते हैं आ के दिल में, उन्हीं से होता है दिल-शिकस्त:
ये वो हक़ीक़त है जिसपे सबको, यक़ीन आता है रफ़्त: रफ़्त:
"haqiqat bhi kabhi afsana bn jaya krti hai....ha ha ha ha ha bhut lajvaab.."

regards

राज भाटिय़ा ने कहा…

वाह वाह क्या बात है दिल तो वही तोडते है जो अपने होते है जनाब जबाब नही....
शुक्रिया

अमिताभ मीत ने कहा…

सही फरमाते हैं सर जी. और जब तक यक़ीन आता है तब तक मकान ख़ाली हो चुका होता है.

बेनामी ने कहा…

meet ji se sahamat
par asteen azmana zaroor

Prem Farukhabadi ने कहा…

vabaalji,
ek aap hi to hain jo dil se taalluk rakhte hai.Yahan to har koi har kisi ko sudharne mein laga, yaa fir rulaane mein laga hai .Dil ki baanto se sakoon milta hai.muhabbatkecharche jari rakhe. badhaai brother.

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

are gazab.......kamaal kar diya aapne.....ham ab sher nahin likhenge...(magar ye kasam to khaayi thi hamaare baap ne....!!)

इरशाद अली ने कहा…

Marhaba-Marhaba

अमिताभ श्रीवास्तव ने कहा…

bavaljiiiiiiiiiii
kya baat he...
ek martaba aaye mere blog par bassss.....aage kya???????

kya YE VO HAQIQAT HE JISPE HAMKO YAKIN AYRGA
RAFT RAFT>>>>>>>???????

गौतम राजऋषि ने कहा…

वकील साब ...सदके इस अंदाज़ पर

Alpana Verma ने कहा…

एक शेर है यह मगर सवा शेर है!
बहुत खूब!

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

अरे कुछ नया भी लाइए ,कई दिन हो रहें है .

Divya Narmada ने कहा…

bindu men sindhu

RAJ SINH ने कहा…

AB SAMJHA KI JAB BHEE HARE TO KYOON.

AAJKAL AAPKE GEHRE ANDAZ DEKH ALAG SA MAZA AA RAHA HAI .

YE TARJEBAYANEE BHEE JAAREE RAKHEN.

स्वप्न मञ्जूषा ने कहा…

बवाल साहब, आपने बिलकुल सही कहा
मेरे किरायेदार ने ही मेरा भी घर तोड़ा....