जाने क्या वो लिख चले और, जाने क्या ये पढ़ चले ...?
हम-क़लम के हर्फ़े-आख़िर, दिल में पुरदम गड़ चले............
--- बवाल
हम-क़लम = एक जैसा और एक साथ लिखने वाले, मित्र (...., ....., .....)
हर्फ़े-आख़िर = अटल और अंतिम निर्णय, शब्द या बात व्यक्त करते हुए वर्णाक्षर
पुरदम = भर-ताक़त
कौन........
10 वर्ष पहले