रविवार, 16 मई 2010

जाने क्या वो लिख चले.....................(बवाल)

जाने क्या वो लिख चले और, जाने क्या ये पढ़ चले ...?

हम-क़लम के हर्फ़े-आख़िर, दिल में पुरदम गड़ चले............

--- बवाल


हम-क़लम  = एक जैसा और एक साथ लिखने वाले, मित्र (...., ....., .....)

हर्फ़े-आख़िर = अटल और अंतिम निर्णय, शब्द या बात व्यक्त करते हुए वर्णाक्षर

पुरदम = भर-ताक़त

43 टिप्‍पणियां:

योगेन्द्र मौदगिल ने कहा…

Wahwa....

Wahwa...

Wah....................

दिलीप ने कहा…

waah...

अमिताभ मीत ने कहा…

बवाल करने से बाज़ नहीं आओगे भैया ?

पइचान कौन? ने कहा…

ग़ज़ब ढ़ा दिया आपने तो. एक शायरी उस दिन आपने बरगी डैम से लौटने पर भी कही थी. देखा ! मगर क्या देखा....? अभी तक याद है. और कैसे हैं? होप कि पेहचान गए होंगे... ही ही ही ही ही. फोन लगा रहा हूँ इत्ते दिनों से , लगता हीच नई.. आप ही कॉल कर लीजिये न..मुझे..

समयचक्र ने कहा…

बहुत सटीक पोस्ट बहुत सटीक पोस्ट ..ऊपर जो टीप दी है शब्दों से पहचान लिया ....आभार
परशुराम जयंती पर हार्दिक शुभकामनाये ... ....आभार
परशुराम जयंती पर हार्दिक शुभकामनाये ...

समयचक्र ने कहा…

अभे तक कित्ते रहे भैया ....

"अर्श" ने कहा…

आपके ये एकाकी शे;र हमेशा ही झकझोर के रख देते हैं मुझे ... आप बवाल हो और हमेशा कमाल कर देते हो...


अर्श

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

बहुत उम्दा,एक लाइन ही गजब ढा गयी.

शशिकान्त ओझा ने कहा…

जिस बात को कहने के लिए लोगों ने पिछले तीन चार दिनों में पच्चीसों पोस्टें लिख डालीं और न जाने कितनी टिप्पणियों और चर्चाओं के द्वारा छिद्रान्वेषण किया गया वही बात बवाल भाई आपने महज एक शेर में कह डाली। एक बहुत बड़ा कटाक्ष सहज भाव और विनम्रता से प्रस्तुत करना ही तो आपकी विशेषता है। इस शेर के मर्म में बहुत कुछ है, समझने वाला ही आपके दर्द को समझ सकेगा। आदाब।

Bajpai (Airtel) ने कहा…

वाह वाह बवाल भाई
आज ऐसे ही आपकी साइट पर किलिक किया तो देख कर हैरानी में पड गया। क्या लिखते हो यार आप गजब करते हो। १२ मई की रात की वो महफिल भुलाए नहीं भूल पा रहा हूम जब आप और शेषादरी जी ने एक से एक बढ़कर गजलें पेश की और सवेरे के चार बजा दिये। होटल में सोच सोच कर ही करवटेम बदलता रहा। अगली बार आऊगा तो फिर से सुनाइएगा।
नमस्कार

Bajpai (Airtel) ने कहा…

वाह वाह बवाल भाई
आज ऐसे ही आपकी साइट पर किलिक किया तो देख कर हैरानी में पड गया। क्या लिखते हो यार आप गजब करते हो। १२ मई की रात की वो महफिल भुलाए नहीं भूल पा रहा हूम जब आप और शेषादरी जी ने एक से एक बढ़कर गजलें पेश की और सवेरे के चार बजा दिये। होटल में सोच सोच कर ही करवटेम बदलता रहा। अगली बार आऊगा तो फिर से सुनाइएगा।
नमस्कार

राज भाटिय़ा ने कहा…

वाह वावल भाई जबाब नही बहुत सुंदर शेर कहा

अनूप शुक्ल ने कहा…

वाह,वाह! जय हो! विजय हो! आखिर बवाल हो भैया!

Udan Tashtari ने कहा…

इसी बहाने जागे तो...

अपूर्व ने कहा…

पुरकस बवाल...बल्कि बोले तो पुरकश बवाल!!

Smart Indian ने कहा…

गजब भैया गजब!

बेनामी ने कहा…

Bavaal Bhai,
What you wrote is really undifinable. Your approch is uncomparable. Hope you will come to UAE to perform with your highly woofer voice and beautiful gazals, some day. Never saw a lawyer in such a sweet mode. Have a nice time.
Yours.

Satpal Singh Bagga,
UAE

पी.सी.गोदियाल "परचेत" ने कहा…

एक शेर में ही पूरी रामायण सुना दी, बहुत खूब !

Pramendra Pratap Singh ने कहा…

बहुत दूर की बात कह दिया आपने

दिगम्बर नासवा ने कहा…

Bahut khoob ... kamaal ka sher hai .. andar tak utar jaata hai ...

santosh kumar ने कहा…

bahoot khooob maj aa gya

Asha Lata Saxena ने कहा…

सुंदर भाव लिए रचना |
आशा

निर्मला कपिला ने कहा…

बवाल मे भी कमाल? वाह बधाई

mridula pradhan ने कहा…

achchi lagi.

अरुणेश मिश्र ने कहा…

मजेदार ।

Ravi Kant Sharma ने कहा…

जो मैंनें लिख दिया और, वही उसने पढ़ लिया.....
मैंने क्या समझाया था और, वह क्या समझ गया ?..........
बस यही माया का खेल है।

बलविंदर ने कहा…

बहुत अच्छे भई शबदो के अर्थ के साथ बातों को सरल तरीके से परोसा जा रहा हैं .

बलविंदर ने कहा…

बहुत अच्छे भई शबदो के अर्थ के साथ बातों को सरल तरीके से परोसा जा रहा हैं .

अनूप शुक्ल ने कहा…

तीन महीने हुये इसे लिखे!

अरुणेश मिश्र ने कहा…

WAH.......WAH ,

किलर झपाटा ने कहा…

ऎ सोए हुए शेर, अब जागने का क्या लेंगे आप ?

निर्झर'नीर ने कहा…

ब्लॉगर पी.सी.गोदियाल ji ne sahi कहा… hai

एक शेर में ही पूरी रामायण सुना दी, बहुत खूब !

समयचक्र ने कहा…

जन्मदिन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाये..... भैय्या कछु आपका पता नहीं चलत है ... का बात है ...अब मिठाई खाने आ रहा हूँ ...

समयचक्र ने कहा…

जन्मदिन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाये.....

समयचक्र ने कहा…

जन्मदिन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाये.....

समयचक्र ने कहा…

जन्मदिन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाये.....

समयचक्र ने कहा…

जन्मदिन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाये.....

समयचक्र ने कहा…

जन्मदिन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाये.....

समयचक्र ने कहा…

जन्मदिन पर बधाई और ढेरों शुभकामनाये.....

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…


बवाल जी,
आरज़ू चाँद सी निखर जाए, ज़िंदगी रौशनी से भर जाए।
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की, जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ।

………….
जिनके आने से बढ़ गई रौनक..
...एक बार फिरसे आभार व्यक्त करता हूँ।

Shabad shabad ने कहा…

उम्दा पोस्ट !!!

कृष्ण मिश्र ने कहा…

सुन्दर रचना आभार! आभार! वैसे ब्लॉग पर कमेन्ट देने का साफ़्टवेयर आ गया है, आप के पास तो पहले से है!

mark rai ने कहा…

behad achcha ....zindagi aise hi maze se kat jayegi ...thanks a lot for this nice post.