प्रिय बवाल भाई, बहुत ही लाजवाब बेहतरीन शेर और उसके साथ हिंदुस्तान की हसीन वादियों के ये सुन्दर चित्र। तिस पर अपने छोटे से और प्यारे से आदर्श परिवार को उस चित्रण में खूबसूरती से समायोजित करना, ये आपके ही बस की बात है। जिस सुहाने अंदाज़ में ये प्रस्तुति की गई है उसकी जितनी भी तारीफ़ की जाये कम है। एक शिकायत भी है बवाल भाई कि आप लगातार ब्लॉग पर पाये नहीं जाते। न जाने कहाँ गुम हो जाते हैं। आपके कुछ मित्रों से सुना था कि आपके दुश्मनों की तबियत आजकल बहुत नासाज चल रही है। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि आप जल्दी से जल्दी स्वास्थ्य लाभ करें और फिर से ब्लॉगजगत को पल्लवित करें।
आदरणीय बवाल जी आज फ़ेसबुक पर बहुत गजब का संयोग हुआ। अविनाश वाचस्पति जी बताया कि किसी आस्ट्रेलियाई रेडियो जॉकी ने भारत को शिटहोल और गंगा को जंकयार्ड कहा और इस बात पर बवाल मच गया तो मुझे अचानक आपकी याद आई और मैं आपके ब्लॉग पर चला आया। यहाँ इतना खूबसूरत शेर पढ़ा और उसके सपोर्ट में स्लाइड पर नैसर्गिक सुन्दरता देखी तो देखता ही रह गया। मैंने फ़ौरन आपसे बिना इजाजत ही आपकी इस पोस्ट का लिंक वहाँ लगा दिया और अविनाश जी से कहा कि उस रेडियो जॉकी की फ़ालतू बात का जवाब आपके इस सुन्दर शेर में है। एम आय राँग ?
बवाल जी आप की सलिदे देखि मन को छू गई |आप ने क्या उम्दा कुदरत के नजारों को कैमरे में उतारा है ,काबले तारीफ़ है | आप प्रकृति के वास्तविक पारखी लगते हैं |साधुवाद |आत्म प्रकाश |मेरे ब्लॉग पर आप का स्वागत है | http//kumar2291937.blogspot.com
20 टिप्पणियां:
बहुत खूब ||
बहुत लाजवाब, शुभकामनाएं..
रामराम.
वाह!! वाह!! बड़े दिन बाद जागे..क्या खूब जागे!!!
लाजवाब......
बहुत खूब....
वाह!
जन्नत खुशगवार रहे यूँ ही
ये खुशी बरकरार रहे यूँ ही
प्रिय बवाल भाई,
बहुत ही लाजवाब बेहतरीन शेर और उसके साथ हिंदुस्तान की हसीन वादियों के ये सुन्दर चित्र। तिस पर अपने छोटे से और प्यारे से आदर्श परिवार को उस चित्रण में खूबसूरती से समायोजित करना, ये आपके ही बस की बात है। जिस सुहाने अंदाज़ में ये प्रस्तुति की गई है उसकी जितनी भी तारीफ़ की जाये कम है। एक शिकायत भी है बवाल भाई कि आप लगातार ब्लॉग पर पाये नहीं जाते। न जाने कहाँ गुम हो जाते हैं। आपके कुछ मित्रों से सुना था कि आपके दुश्मनों की तबियत आजकल बहुत नासाज चल रही है। मेरी भगवान से प्रार्थना है कि आप जल्दी से जल्दी स्वास्थ्य लाभ करें और फिर से ब्लॉगजगत को पल्लवित करें।
बहुत बढ़िया.
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कल 20/07/2011 को आपकी एक पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!
लाल साहब...जिंदाबाद...
नीरज
बहुत खूब ||
बहुत खूब ...।
चित्र देखते ही समझ गयी थी ये मनहर हरियाली जबलपुर की है ....
जबलपुर के ब्लोगेर्स को मेरी ह्रदय से शुभकामनायें ..
कच्छू नईं बदलौ अभे जबलपुर ......!!!
HARA BHARA SA MOUSAM SARA LAGTA HAI KITNA PYARA,BARISH KI BUNDE BHIGONE AATI SAWAN KA WO SANDESA LATI..
बहुत सुन्दर....
आदरणीय बवाल जी आज फ़ेसबुक पर बहुत गजब का संयोग हुआ। अविनाश वाचस्पति जी बताया कि किसी आस्ट्रेलियाई रेडियो जॉकी ने भारत को शिटहोल और गंगा को जंकयार्ड कहा और इस बात पर बवाल मच गया तो मुझे अचानक आपकी याद आई और मैं आपके ब्लॉग पर चला आया। यहाँ इतना खूबसूरत शेर पढ़ा और उसके सपोर्ट में स्लाइड पर नैसर्गिक सुन्दरता देखी तो देखता ही रह गया। मैंने फ़ौरन आपसे बिना इजाजत ही आपकी इस पोस्ट का लिंक वहाँ लगा दिया और अविनाश जी से कहा कि उस रेडियो जॉकी की फ़ालतू बात का जवाब आपके इस सुन्दर शेर में है। एम आय राँग ?
बवाल भाई
क्या खूब कहा , वाह ..मज़ा आ गया पढकर , अब आपकी बुलंद आवाज़ में इसे सुनना है जी .
बधाई दिल से , जबलपुर कि बड़ी याद आती है दोस्त ....
आभार
विजय
कृपया मेरी नयी कविता " फूल, चाय और बारिश " को पढकर अपनी बहुमूल्य राय दिजियेंगा . लिंक है : http://poemsofvijay.blogspot.com/2011/07/blog-post_22.html
Superb blog and i really love this blog.
बहुत खूब |
मेरे ब्लॉग में भी आयें-
**मेरी कविता**
बहुत उम्दा भाई पर ब्लागिंग जारी रहे
बवाल जी आप की सलिदे देखि मन को छू गई |आप ने क्या उम्दा कुदरत के नजारों को कैमरे में उतारा है ,काबले तारीफ़ है |
आप प्रकृति के वास्तविक पारखी लगते हैं |साधुवाद |आत्म प्रकाश |मेरे ब्लॉग पर आप का स्वागत है |
http//kumar2291937.blogspot.com
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