मंगलवार, 9 अगस्त 2011

सावन झमाझम उमंग मेरा झूलना



सावन झमाझम, उमंग मेरा झूलना
हरियाली सखियाँ, सतरंग मेरा झूलना

पहला झूला-झूला मैनें बाबुल के राज में,
मैया की लोरी के संग मेरा झूलना

दूजा झूला-झूला मैनें भैया के राज में,
भौजी के रंगों में भंग मेरा झूलना

तीजा झूला-    झूला, ससुर जी के राज में,
सासू माँ का ढम ढम, मृदंग मेरा झूलना

 सबसे प्यारा झूला-झूला सैंया के राज में,
रस की फुहारें, तरंग मेरा झूलना

---बवाल

43 टिप्‍पणियां:

डॉ. मनोज मिश्र ने कहा…

@@
पहला झूला-झूला मैनें बाबुल के राज में,
मैया की लोरी के संग मेरा झूलना
दूजा झूला-झूला मैनें भैया के राज में,
भौजी के रंगों में भंग मेरा झूलना
तीजा झूला- झूला, ससुर जी के राज में,
सासू माँ का ढम ढम, मृदंग मेरा झूलना
सबसे प्यारा झूला-झूला सैंया के राज में,
रस की फुहारें, तरंग मेरा झूलना

वाह भाई जी,वाह,आज तो बवाल मच गया.

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

बहुत ही बढ़िया सर ।


सादर

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

पीहर से ससुराल तक का सफ़र बयान कर डाला, बहुत ही लाजवाब.

रामराम.

किलर झपाटा ने कहा…

कितना सुन्दर गीत लिखा बवाल साहब। वाह वाह एअसा लग रहा है जैसे सच में सावन की फुहारें पड़ रही हैं। आपने इसे गा के क्यों नहीं सुनाया ?

नीरज गोस्वामी ने कहा…

वाह...बहुत खूब...

नीरज

Dr (Miss) Sharad Singh ने कहा…

बहुत सुन्दर और भावपूर्ण गीत...और शानदार झूलना...

vidhya ने कहा…

बहुत ही बढ़िया सर ।

निवेदिता श्रीवास्तव ने कहा…

बहुत ही बढ़िया ........

Yashwant R. B. Mathur ने कहा…

कल 15/08/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Bharat Bhushan ने कहा…

संबंधों के रस में भीगी रचना सुदर है. स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ.

Anupama Tripathi ने कहा…

bahut sunder geet.
shubhkamnayen.

Anupama Tripathi ने कहा…

bahut sunder geet.
shubhkamnayen.

prerna argal ने कहा…

बहुत सुंदर सावन के भाव लिए शानदार अभिब्यक्ति /बधाई आपको /
ब्लोगर्स मीट वीकली (४)के मंच पर आपका स्वागत है आइये और अपने विचारों से हमें अवगत कराइये/आभार/ इसका लिंक हैhttp://hbfint.blogspot.com/2011/08/4-happy-independence-day-india.htmlधन्यवाद /

vidhya ने कहा…

आपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज रविवार के चर्चा मंच पर भी की गई है!
यदि किसी रचनाधर्मी की पोस्ट या उसके लिंक की चर्चा कहीं पर की जा रही होती है, तो उस पत्रिका के व्यवस्थापक का यह कर्तव्य होता है कि वो उसको इस बारे में सूचित कर दे। आपको यह सूचना केवल इसी उद्देश्य से दी जा रही है! अधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') ने कहा…

बहुत प्यारी आनंदित करती रचना....
सादर बधाई...

Unknown ने कहा…

बहत ही बढ़िया लिखा आपने | धन्यवाद |

मेरी नई रचना जरुर देखें |अच्छा लगे तो ब्लॉग को फोलो भी कर लें |

मेरी कविता: उम्मीद

Unknown ने कहा…

Bahut hi badhiya sir.. aabhar

Dr. Zakir Ali Rajnish ने कहा…

बवाल भाई

आरज़ू चाँद सी निखर जाए,
जिंदगी रौशनी से भर जाए,
बारिशें हों वहाँ पे खुशियों की,
जिस तरफ आपकी नज़र जाए।
जन्‍मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ!
------
नमक इश्‍क का हो या..
इसी बहाने बन गया- एक और मील का पत्‍थर।

Udan Tashtari ने कहा…

ये बात....बहुत बढ़िया.एक अलग रंग...

बेनामी ने कहा…

बहुत बढ़िया ...

Asha Joglekar ने कहा…

अरे वाह आप कितना सुंदर लोक गीत रचते हैं । बहुत ही अच्छा लगा ।

Santosh Kumar ने कहा…

आनंद से परिपूर्ण .. सुंदर रचना. धन्यवाद.

Dr Varsha Singh ने कहा…

लाजवाब.....

dfasfsfadf ने कहा…

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http://saurabhsahay.com/site/merekalamse/2011/09/23/zindagi-kya-hai-samajh-mein-aayi/
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सुरेन्द्र सिंह " झंझट " ने कहा…

बहुत प्यारा ....पारम्परिक भाव का .....मनमोहक सावनगीत

Smart Indian ने कहा…

बहुत बढिया जी!

Maheshwari kaneri ने कहा…

..मनमोहक

धीरेन्द्र सिंह भदौरिया ने कहा…

क्या लिखू आपको और,आपके लेखनी का
बस इन्तजार है,सिर्फ आपके टिपण्णी का

नवरात्रि की शुभकामनाएँ बधाई.....

shephali ने कहा…

सबसे प्यारा झूला-झूला सैंया के राज में,
रस की फुहारें, तरंग मेरा झूलना


BHaut pyari pantiya hai....
-Mere Shabd

हास्य-व्यंग्य का रंग गोपाल तिवारी के संग ने कहा…

Bahut koob. Badhiyan Prastuti.

Smart Indian ने कहा…

लाल-बवाल द्वय,
दीपावली के शुभ अवसर पर आपको परिजनों और मित्रों सहित बहुत-बहुत बधाई। ईश्वर से प्रार्थना है कि वह आपका जीवन आनंदमय करे!
*******************

साल की सबसे अंधेरी रात में*
दीप इक जलता हुआ बस हाथ में
लेकर चलें करने धरा ज्योतिर्मयी

बन्द कर खाते बुरी बातों के हम
भूल कर के घाव उन घातों के हम
समझें सभी तकरार को बीती हुई

कड़वाहटों को छोड़ कर पीछे कहीं
अपना-पराया भूल कर झगडे सभी
प्रेम की गढ लें इमारत इक नई

Unknown ने कहा…

बेहद सुन्दर पीहर से ससुराल तक उमंगों का झूलना ...बहुत ही उमंग भरी प्रस्तुति....शुभकामनायें.....सादर !!!

निर्झर'नीर ने कहा…

सबसे प्यारा झूला-झूला सैंया के राज में,
रस की फुहारें, तरंग मेरा झूलना

ab to savan biite hue bahut din ho gaye nai rachna ka intjar kab tak karna padega janab

Tv100 ने कहा…

Gajab! Bahut badhiya!

Sumit Pratap Singh ने कहा…

सावन झमाझम, उमंग मेरा झूलना
हरियाली सखियाँ, सतरंग मेरा झूलना

पहला झूला था झूला, मैंने बाबुल के राज में,
मैया की लोरी के संग मेरा झूलना

दूजा झूला था झूला, मैंने भैया के राज में,
भौजी के रंगों में भंग मेरा झूलना

तीजा झूला था झूला, मैंने ससुर जी के राज में,
सासू माँ का ढम ढम, मृदंग मेरा झूलना

सबसे प्यारा झूला था झूला, मैंने सैंया के राज में,
रस की फुहारें, तरंग मेरा झूलना

सुन्दर रचना समीर दद्दा... :)

ATAMPRAKASHKUMAR ने कहा…

हाथ में ले के कलम मैं हाले दिल कहता गया ,
काव्य का निर्झर उमड़ता,आप ही बहता गया |
वाह समीर जी क्या सादगी है आप के शेर में ,
सावन झमाझम,उमंग मेरा झूला |
मैया की लोरी के संग ,भौजी के रंगों में ,
सासू माँ का ढम ढम ,रस की फुहारें ,तरंग ,मेरा झूलना |
एक नारी के विविध रूपों का क्या वास्तविक विवरण है |
बवालजी,साधुवाद | मैं एक नया ब्लोगेर हूँ ,आप का मेरे ब्लॉग
http//kumar2291937.blogspot.com पर सादर आमन्त्रण है

ghughutibasuti ने कहा…

वाह, पुरुषसत्ता में जमकर झूले झूले.बेटे का राज शेष है. कभी अपने राज के बारे में भी सोचा नायिका ने?
:)
घुघूतीबासूती

ghughutibasuti ने कहा…

वाह, पुरुषसत्ता में जमकर झूले झूले.बेटे का राज शेष है. कभी अपने राज के बारे में भी सोचा नायिका ने?
:)
घुघूतीबासूती

Dr.NISHA MAHARANA ने कहा…

waah.....

Dr.Dayaram Aalok ने कहा…

उम्दा लेखन!आभार.

Tamasha-E-Zindagi ने कहा…

वाह! लाजवाब |

कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |
http://www.tamasha-e-zindagi.blogspot.in
http://www.facebook.com/tamashaezindagi

Madan Mohan Saxena ने कहा…

कितना अच्छा लिखा है आपने।
बहुत उत्कृष्ट अभिव्यक्ति.हार्दिक बधाई और शुभकामनायें!
कभी यहाँ भी पधारें और लेखन भाने पर अनुसरण अथवा टिपण्णी के रूप में स्नेह प्रकट करने की कृपा करें |सादर मदन

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Kuldeep Saini ने कहा…

Bahut sunder get
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