गुरुवार, 25 दिसंबर 2008

महकीं हैं ये फ़िज़ाएँ........

हरदिल-अज़ीज़ प्रभु यीशु के पावन अवतरण पर उनकी शान में---

अब तक सलीब पर तो, मिलती रही सज़ाएँ !

पर अब सलीब से ही, महकीं हैं ये फ़िज़ाएँ !!

---बवाल

सलीब = सूली
भावार्थ :-
जब तक यीशु सूली पर नहीं चढ़े थे तब तक तो सूली (क्रॉस) , पर क्रूरता पूर्वक सज़ाएँ दी जाती रहीं. मगर उनके बाद, अब वही सूली (क्रॉस), पवित्रता को प्राप्त करके, तमाम आलम को शान्ति और अमन का संदेश देकर पल्लवित कर रही है.

सोमवार, 15 दिसंबर 2008

रोज़ा-ए-खा़मोश... (मौन का उपवास)

{सीमाजी की ग़ज़ल की ताज़ीम}

इश्क़ पर ईमान, ले आने को वो पुरजोश था

लोग कहते रह गए 'बवाल,' दल्क़पोश था

दस्तरख़्वाँ पे जिसके, सारा आलम, पेशेनोश था

कूच जन्नत कर गया वो, रोज़ा-ए-ख़ामोश था

---बवाल

लुगत :-
ताज़ीम = आदर
पुरजोश = जोश से भरा हुआ
दल्क़पोश = फ़कीर, सूफ़ी
दस्तरख़्वाँ = खाना खाने के लिए बिछी हुई चादर
पेशेनोश = उपलब्ध
रोज़ा-ए-ख़ामोश = मौन का उपवास (मौनव्रत)

गुरुवार, 11 दिसंबर 2008

वसीयत-ऐ-गुल.......

अबके बहार आना,
कोई ऐसा गुल खिलाना !

मिरे नाम पर वसीयत,
कर दे उसे ज़माना !!


--- बवाल

सोमवार, 8 दिसंबर 2008

आरती बिगबुल जी की (सन्दर्भ :- विश्व व्यापी शेयर मंदी)

जय बिगबुल चढ़ता ..
स्वामी जय बिगबुल चढ़ता
तुम बिन रो रो कर ये --२, जग गिरता पड़ता !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


१) शेयर बाज़ार के राजा, कहाँ खो गए तुम ?
स्वामी कहाँ खो गए तुम ?
बजा सभी का बाजा --२, और सो गए तुम !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


२) शेयर बाज़ार भी तुम बिन, चलता नहीं सुर में !
स्वामी चलता नहीं सुर में !
सभी पड़े हैं भैया --२, छिर-छिर- दुर-दुर में !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


३) राजा जितने भी थे, रंक बने भैया !
स्वामी रंक बने भैया !
भरी जवानी बूढ़े --२, खंख बने भैया !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


४) मंत्री-संतरी तुमको, खोज खोज हारे !
स्वामी खोज खोज हारे !
दबा के दुम को फिरते --२, अब मारे मारे !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


५) हर धंधे पर तुम्हरी, कृपा-दृष्टि होवे !
स्वामी कृपा-दृष्टि होवे !
सब पर जम जम करके --२, धन-वृष्टि होवे !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


६) मंदड़ियों का फिर से, पत्ता साफ़ करो !
स्वामी पत्ता साफ़ करो !
कहा सुना सब दादा --२, अब तो माफ़ करो !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


७) शेयर बाज़ार की धड़कन, फिर कंट्रोल करो !
स्वामी फिर कंट्रोल करो !
चपटा हुआ रुपैय्या -- २, फिर से गोल करो !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


८) डॉलर औ रुपयों से, सबकी जेब भरो !
स्वामी सबकी जेब भरो !
बड़े बड़े बैंकों में --२, न ये घोटाले करो !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


९) अबके दफ़ा तुम भैया, ग़फ़्लत मत करना !
स्वामी ग़फ़्लत मत करना !
सी बी आई के चँगुल --२, में फिर ना पड़ना !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


१०) सत्य बोलने में तुम, पूरे हो पक्के !
स्वामी पूरे हो पक्के !
लाय-डिटेक्टर के भी --२, छुड़वा दो छक्के !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


११) अला-बला-टुटके सब, और जंजाल टले !
स्वामी और जंजाल टले !
तुम्हरी गौरव-गाथा --2, गाता बवाल चले !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....

शुक्रवार, 5 दिसंबर 2008

जुड़ाव उनका .....

चलो मिलाते हैं उनसे तुमको, यहीं कहीं है पड़ाव उनका !


जब मिलोगे तो देख लेना, है हमसे कितना जुड़ाव उनका !!

--- बवाल

सोमवार, 1 दिसंबर 2008

पैरवी-ऐ-क़त्ल ...........(सन्दर्भ : हाल की दुखद घटनाएँ)

क़त्ल का खुलकर के ऐसे, ज़िक्र क्यूँ करते हैं जी ?

पैरवी वो कर रहे हैं ! फ़िक्र क्यूँ करते हैं जी ??

---बवाल