बड़े भी को सलाम, क्या खूब कही आपने इस बारगी भी.. रफ्त: रफ्त: .... ये शब्द ही कमाल का है ... आपने जिस खूबसूरती से इसका प्रयोग किया है वो भी कमाल का है...कल ही एक मशहूर ग़ज़ल सुन रहा था जनाब मेहदी हसन की आवाज़ में रफ्त: रफ्त: वो मेरे हस्ती के सामां हो गए .....
Mahaz bawaal ho,kawwaal ho yaa phir vakiljaal ho.In sabki kahaaniyaan kuch hatke hi hoti rahin hain.Isiliyekamaal ke is bawaal ke kalaam ko jhalee ka salaam.
बहुत बढिया!!, वाह!, क्या बात है!, बहुत उम्दा!!!, बहुत खूब .., Bahut खूब, bahut achchhe , क्या अंदाज़ है , यदि आप वाकई ऐसी ही टिप्पणियों से खुश हैं तो मैं भी कह देता हूँ एक साथ यही सब !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!........ - विजय
मेरी कहानी ज़माने वालों, अज़ल से ही कुछ अलग रही है !!.. रचना बहुत अच्छी लगी। आप का ब्लाग भी बहुत अच्छा लगा। हर सप्ताह रविवार को तीनों ब्लागों पर नई रचनाएं डाल रहा हूँ। हरेक पर आप के टिप्पणी का इन्तज़ार है..... मुझे यकीन है आप के आने का...और यदि एक बार आप का आगमन हुआ फ़िर..आप तीनों ब्लागों पर बार -बार आयेंगे.........मुझे यकीन है.... संयोग से हम दोनों वकालत से जुडे़ हैं।और संगीत से भी...
28 टिप्पणियां:
वाह!
क्या बात है!
इतने दिन कहाँ थे?
मेरी कहानी ज़माने वालों,
अज़ल से ही कुछ अलग रही है !!..
बहुत सुंदर ,उम्दा लाइनें लगी .
जो बख़्ते-खुफ़्त: सी लग रही है,
वो रफ़्त: रफ़्त: सुलग रही है
"सच यही होता है...."
Regards
बड़े भी को सलाम,
क्या खूब कही आपने इस बारगी भी.. रफ्त: रफ्त: .... ये शब्द ही कमाल का है ... आपने जिस खूबसूरती से इसका प्रयोग किया है वो भी कमाल का है...कल ही एक मशहूर ग़ज़ल सुन रहा था जनाब मेहदी हसन की आवाज़ में रफ्त: रफ्त: वो मेरे हस्ती के सामां हो गए .....
ये शब्द मुझे बहोत पसंद है ...बधाई आपको..
अर्श
बहुत उम्दा!!!
बहुत खूब ..बढ़िया लगा यह
Bahut khoob
bahut achchhe ,vabaal bhai.
Mahaz bawaal ho,kawwaal ho yaa phir vakiljaal ho.In sabki kahaaniyaan kuch hatke hi hoti rahin hain.Isiliyekamaal ke is bawaal ke kalaam ko jhalee ka salaam.
बहुत बढिया...
क्या अंदाज़ है वकील साब ...भई वाह
बहुत ख़ूब!
gagar men sagar
बख्ते-खुफ्त: को जगाने वाले
रफ्त: रफ्त: सुलगाने वाले
आपकी कहानी बनाने की आदत
अज़ल से जमाने से अलग रही है.
नमस्कार
बहुत बढिया!!, वाह!, क्या बात है!, बहुत उम्दा!!!, बहुत खूब .., Bahut खूब, bahut achchhe , क्या अंदाज़ है , यदि आप वाकई ऐसी ही टिप्पणियों से खुश हैं तो मैं भी कह देता हूँ एक साथ यही सब !!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!!........
- विजय
ज्यादा कुछ नही कहूँगा
सूचना
यह पोस्ट आपसे सम्बन्धित है इस लिये भेज रहा हूँ
http://pramendra.blogspot.com/2009/04/blog-post_14.html
आप का ब्लोग मुझे बहुत अच्छा लगा और आपने बहुत ही सुन्दर लिखा है ! मेरे ब्लोग मे आपका स्वागत है !
MIJAJE 'KAISH' YARON BACHPANE SE AASHIKANA THA .
AJAL SE HEE RAHEE AADAT KI VO BAWWAL KATEGA ?
बोलती है नज़र तेरी, क्या रहा पीछे कहाँ?
देखती है जुबान लेकिन, क्या 'सलिल' खोया कहाँ?
कोई कुछ उत्तर न देता, चुप्पियाँ खामोश हैं।
होश की बातें करें क्या, होश ख़ुद मदहोश हैं।
kripaya divyanarmada.blogspot.com dekhen, teep den, rachna bhejen.
-आचार्य संजीव 'सलिल'
- दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम
मेरी कहानी ज़माने वालों,
अज़ल से ही कुछ अलग रही है !!..
रचना बहुत अच्छी लगी।
आप का ब्लाग भी बहुत अच्छा लगा।
हर सप्ताह रविवार को तीनों ब्लागों पर नई रचनाएं डाल रहा हूँ। हरेक पर आप के टिप्पणी का इन्तज़ार है.....
मुझे यकीन है आप के आने का...और यदि एक बार आप का आगमन हुआ फ़िर..आप तीनों ब्लागों पर बार -बार आयेंगे.........मुझे यकीन है....
संयोग से हम दोनों वकालत से जुडे़ हैं।और संगीत से भी...
bahut khuub!
yah bhi andaaz khuub hai.
'aap ki kahani ......azal se..!'
waah!
वाह! क्या कहें? बस- निहायत ख़ूबसूरत!!!
महावीर शर्मा
बहुत सही कहा है...........चंद लाइनों में हकीकत का बयां
हमारा सलाम .................
बन्धु बदे दिन से गायब चल रहे हो .दुश्मनोन की तबियत खराब हो . आप तो थीक थाक हो ?
आप्के बवाल बाज़ छौन्क सिन्ह ’ तडका ’ लगाये बैथे हैं . चख जाओ यार .
ये जो कहानी थमीं थमी सी बढाओ आगे ओ मेरे रहबर
तभी तो होगा यकीन सबको,की ये कहानी अलग नहीं है
इतना अच्छा लिखेंगे, तो आपके चाहने वाले बवाल काटने से क्यों पीछे रहेंगे।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
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