आलाप:- जो अल्लाह से आग़ाज़ करे, और गणपति से भी शुरू करे !
उसका हर काम सफल साईं, प्रभु यीशू वाहे गुरू करे !!
उसका हर काम सफल साईं, प्रभु यीशू वाहे गुरू करे !!
नफ़रत की रातों को बना दे, मुहब्बत की सुबे (सुबह)
ऐसा एक इंसान है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
ऐसा एक इंसान है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
कोरस :- हर हर महादेव, अल्लाहो-अकबर, जो बोले सो निहाल,
Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल
Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल
१) आपस मे लड़वाने को, हर कोई है तैयार
समझो इनकी साज़िश को, आँखें खोलो यार
समझाता है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
कोरस :- हर हर महादेव, अल्लाहो-अकबर, जो बोले सो निहाल,
Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल
समझो इनकी साज़िश को, आँखें खोलो यार
समझाता है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
कोरस :- हर हर महादेव, अल्लाहो-अकबर, जो बोले सो निहाल,
Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल
२) नूह की नाव का क़िस्सा क़ुरआन में, बाइबिल में जो है,
मत्यवतार में मनू ऋषि की, नाव वही तो है
सिद्ध कर रहा ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
कोरस :- हर हर महादेव, अल्लाहो-अकबर, जो बोले सो निहाल,
Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल
Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल
३) हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, सबका मालिक एक
एक नज़र से वो हम सबको, रहा है प्यारे देख
दिखलाता है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
कोरस :- हर हर महादेव, अल्लाहो-अकबर, जो बोले सो निहाल,
Praise the Lord Jesus, नानक को, अपना है सत श्री अकाल
नफ़रत की रातों को बना दे, मुहब्बत की सुबे
ऐसा एक इंसान है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
ऐसा एक इंसान है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
24 टिप्पणियां:
सलाम करता हूँ आपके इस रचना के लिए ।
बहुत खूब लिखा है। और ये बवाले वकील का फोटू अच्छा लगा, कव्वाल और महज बवाल भी।
हिन्दू-मुस्लिम-सिख-ईसाई, सबका मालिक एक
एक नज़र से वो हम सबको, रहा है प्यारे देख
दिखलाता है ये, मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे
-जय हो मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे की और बवाल महाराज की!!
मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे,हजरत कौन हैं ?
वाह वाह बहुत ही ग़ज़ब की पोस्ट लिखी बवाल भाई। इस ब्लॉगजगत के हिन्दू-मुस्लिम दंगाइयों को क्या प्रेम भरा जवाब है ये आपका। सांई बाबा के जन्म दिवस पर इससे बेहतर बात नहीं हो सकती। बहुत खूब। हम भी आपके साथ हैं।
मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे को प्रणाम/सलाम/सत श्री अकाल/जय जीसस की हा हा।
सबका मालिक एक
ये कौन नया बंदा है भाई खुदा का जो सरे आम चौका लगा रहा। बवाल भाई आप भी क्या क्या गढ़ते रहते हैं? वैसे नाम में ही फ़ितरत के नज़ारे किये जा सकते हैं। मुहम्मद रॉबर्ट सिंह दुबे। जियो।
अमर अकबर अन्थोनी के साथ अमरीक सिंह जैसा चरित्र पैदा कर दिया है आपने...मोहम्मद राबर्ट सिंह दुबे का...आप की सोच को सलाम...काश इस गीत को आप गा कर भी सुना देते तो सोने में सुहागा हो जाता...
नीरज
आपकी बेहतरीन सोच को दर्शाती एक लाजवाब रचना......
बहुत ही बढिया!
आभार्!
kuchh achha kahne ki safal koshish hai!
बवाल भाई
अल्लाह ने जब तकदीर बातीं थी तब मुझे
कहा था सच्चे लोगों से तुम्हारे तार बंधे रहेंगे
आज वही हुआ....?
तुम को पाके सरे बाज़ार नाचने को जी चाहता है
अल्लाह मालिक
bavaal bhai..... bahut achchi lagi aapki yeh rachna.....
man ko choo gayi bilkul.....
JAI HIND....
aaj bahut achcha laga..... aapke blog par pehli baar comment karne mein.....
हिन्दू मुस्लिम सिख इसाई सभी को राह दिखाए मोहम्मद रावर्ट सिह दुबे ..... एकता की अच्छी डेफीनेशन दी है . ..बहुत सुन्दर ख्याल . आभार
मोहम्मद राबर्ट सिंह दूबे...इस नाम में चारों आगये,
वाह क्या आईडिया है....
आपके गीत को सलाम...अब इसे सुर में ढाल कर भी पोस्ट कीजिये....
इंतज़ार है...
Behad Umda...Lajawab...Shandar...
ऊँ अल्लाय नम:
वाह, क्या बात कहीं आपने सभी को समझना होगा।
हम तो अल्लाह मे राम को देखते है पर क्या वो भी राम मे अल्लाह देख पायेगे ?
क्यों भाई सु...दु.....उर्फ़ ...मुल्ला करीमुद्दीन बिन्त बदिरुदीन..... उर्फ़ राबर्ट........... s /o जान आगस्टीन खोल दूं पोल
जो भी हो सबका मालिक एक
बहुत प्यारी है आपकी सोच।
इस सोच को मेरा सलाम पहुंचे।
-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
बड़ा अच्छा लगा यह सर्वधर्म समभाव!
exceelent
jai sai nath
सर्वधर्म समभाव!
mohammad viliyam prasad singh
naye andaaaz me yah baat aur khasa pasand aayee aapki ... upar wala to ek hi hai yahi manta hun... salaam..
arsh
excellent!
Aapki soch ko salam karta hoon.
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2009 के श्रेष्ठ ब्लागर्स सम्मान!
अंग्रेज़ी का तिलिस्म तोड़ने की माया।
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