सोमवार, 8 दिसंबर 2008

आरती बिगबुल जी की (सन्दर्भ :- विश्व व्यापी शेयर मंदी)

जय बिगबुल चढ़ता ..
स्वामी जय बिगबुल चढ़ता
तुम बिन रो रो कर ये --२, जग गिरता पड़ता !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


१) शेयर बाज़ार के राजा, कहाँ खो गए तुम ?
स्वामी कहाँ खो गए तुम ?
बजा सभी का बाजा --२, और सो गए तुम !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


२) शेयर बाज़ार भी तुम बिन, चलता नहीं सुर में !
स्वामी चलता नहीं सुर में !
सभी पड़े हैं भैया --२, छिर-छिर- दुर-दुर में !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


३) राजा जितने भी थे, रंक बने भैया !
स्वामी रंक बने भैया !
भरी जवानी बूढ़े --२, खंख बने भैया !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


४) मंत्री-संतरी तुमको, खोज खोज हारे !
स्वामी खोज खोज हारे !
दबा के दुम को फिरते --२, अब मारे मारे !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


५) हर धंधे पर तुम्हरी, कृपा-दृष्टि होवे !
स्वामी कृपा-दृष्टि होवे !
सब पर जम जम करके --२, धन-वृष्टि होवे !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


६) मंदड़ियों का फिर से, पत्ता साफ़ करो !
स्वामी पत्ता साफ़ करो !
कहा सुना सब दादा --२, अब तो माफ़ करो !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


७) शेयर बाज़ार की धड़कन, फिर कंट्रोल करो !
स्वामी फिर कंट्रोल करो !
चपटा हुआ रुपैय्या -- २, फिर से गोल करो !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


८) डॉलर औ रुपयों से, सबकी जेब भरो !
स्वामी सबकी जेब भरो !
बड़े बड़े बैंकों में --२, न ये घोटाले करो !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


९) अबके दफ़ा तुम भैया, ग़फ़्लत मत करना !
स्वामी ग़फ़्लत मत करना !
सी बी आई के चँगुल --२, में फिर ना पड़ना !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


१०) सत्य बोलने में तुम, पूरे हो पक्के !
स्वामी पूरे हो पक्के !
लाय-डिटेक्टर के भी --२, छुड़वा दो छक्के !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....


११) अला-बला-टुटके सब, और जंजाल टले !
स्वामी और जंजाल टले !
तुम्हरी गौरव-गाथा --2, गाता बवाल चले !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....

12 टिप्‍पणियां:

विवेक सिंह ने कहा…

जय कमाल रचना ! स्वामी , जय बवाल रचना !

परमजीत सिहँ बाली ने कहा…

वाह! बहूत बढ़िया!!
बिल्कुल मौलिक प्रयोग है।बधाई।

Udan Tashtari ने कहा…

बोलो!!! बिगबुल महाराज की जय!!

धन्य हुये आरती कर के.

seema gupta ने कहा…

डॉलर औ रुपयों से, सबकी जेब भरो !
स्वामी सबकी जेब भरो !
बड़े बड़े बैंकों में --२, न ये घोटाले करो !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....

" aapki dua kbul ho"

Regards

MANVINDER BHIMBER ने कहा…

वाह! बहूत बढ़िया!!।बधाई।

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

बिग बुल आरती से मान जाएगा?

"अर्श" ने कहा…

ek taraf sameer lal ji ne satte khilwaye ... aap share pe kavita likh di bahot khub sahab dhero badhaii sahab........

राजीव थेपड़ा ( भूतनाथ ) ने कहा…

aapne to vaakayi bavaal hi dha diyaa bhaayi...jai bigbul....!!

नीरज गोस्वामी ने कहा…

राजा जितने भी थे, रंक बने भैया !
स्वामी रंक बने भैया !
भरी जवानी बूढ़े --२, खंख बने भैया !!
--- हुम्म जय बिगबुल चढ़ता ....
जय भाई...जय हो...ये आरती हर कोई को रोज सुबह उठ कर जानी चाहिए...बेहतरीन.
नीरज

BrijmohanShrivastava ने कहा…

वकील साहेब और कर सलाहकार पहली बात तो आप बहुत सुंदर हो (बैसे सुंदर को हेंडसम कहा जाता है )हायर जुडिसियल सर्विस को प्रार्थमिकता देंगे या हाईकोर्ट में प्रेक्टिस करके जज बनेंगे /ब्लॉग व्यक्तिगत बातों के लिए नहीं होता किंतु आपका आकर्षक व्यक्तित्व देख कर अपने आप को रोक न सका माफी चाहूंगा /ब्लॉग में यूं पी एम् पी बिहार कुछ भी नही लिखा केवल हिंदुस्तान लिखा है खैर
आपके ब्लॉग मधुशाला में मझे कुछ नहीं मिला यहाँ बहुत कुछ मिला /सुंदर रचना ,हकीकत भी ,व्यंग्य भी हास्य भी (आई पी सी ,सी आर पी सी ,एविडेंस एक ही जिल्द में )

Smart Indian ने कहा…

वाह जी वाह, दुखती राग पर हाथ रखा है फ़िर भी हंसी आ रही है - यह तो आपके ही बस की बात है.

समयचक्र ने कहा…

वाह बिग बुल बेहतरीन सुंदर रचना...