आप तो पूना से आने के बाद ईद के चाँद हो गए ......और ऊपर से ये जुमला ..भाई साब कहाँ भैय्या ...... सब खैरियत तो है जनाब .आपको याद करते करते थक जाता हूँ ... लगता है जल्दी कचनार घूमने आना पड़ेगा ...
बड़े भाई साहिब को सलाम कहाँ हो आप .....? वाकई पुणे के बाद तो ईद के चाँद हुए बैठे हो और आते ही जाने की बात कर रहे हो... माहे जम्जान चल रहा है शुक्र है हमारा चाँद दिख गया शुरू में ही और उम्मीद रखता हूँ के ऐसे ही रौशनी बिखेरते रहोगे आप...
हाय क्या अदा है, बवाल साहब शेर कहने की । दिल बाग़-बाग़ हो गया। कितनी सहजता से इतनी बड़ी बात कह गए, आप सुभानअल्लाह ! एक बात कहें वक़ील साहब, आपकी कहन में दार्शनिक भाव स्पष्ट झलकता है और आप एक बहुत ऊँचे स्तर पर बात करते हैं।
आदरणीय सर , देर से ही सही पर आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई। आपकी बातों की दार्शनिकता और गहराई मुझे बेहद पसन्द आई है। मेरे ब्लॉग पर आकर मेरा हौसला बढाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ॥
21 टिप्पणियां:
कहाँ चल बसे हैं जनाब...???:))
नीरज
भाई हमारी परमिशन के बिना कहीं भी एडमिशन ना मिलेगा. इसलिये चुपचाप हमारे पास ही रहिये.:)
रामराम.
आप तो पूना से आने के बाद ईद के चाँद हो गए ......और ऊपर से ये जुमला ..भाई साब कहाँ भैय्या ...... सब खैरियत तो है जनाब .आपको याद करते करते थक जाता हूँ ... लगता है जल्दी कचनार घूमने आना पड़ेगा ...
बड़े भाई साहिब को सलाम कहाँ हो आप .....? वाकई पुणे के बाद तो ईद के चाँद हुए बैठे हो और आते ही जाने की बात कर रहे हो... माहे जम्जान चल रहा है शुक्र है हमारा चाँद दिख गया शुरू में ही और उम्मीद रखता हूँ के ऐसे ही रौशनी बिखेरते रहोगे आप...
अर्श
अब आप चल के बसे हैं तो आबाद रहिए। खूब है।
अजी कुछ समय रुको भाई ३०,४० सालो तक सब इक्कठे चलेगे... वहा सब मिल कर ब्लांगिग करेगे
Bawal bhai,
tadapane ki hasrat hi mit gayi thi itni der lagadi apne.
aye ho to laga kahin gaye na the mahfil sajadi apne.
Ek film ka geet yaad aa gaya-
aaj mile ho fir, kal miloge fir, parson miloge.jara jaldi jaldi mila karo na ji.
apka sher ek dam sava sher laga badhai!!
ऐसा क्या?
कौन टाईप के हो यार!!
समयचक्र: चिठ्ठी चर्चा : ये चिठ्ठी शानदार तो नहीं है पर सबको साथ लेकर चलने वाली है .
हाय क्या अदा है, बवाल साहब शेर कहने की । दिल बाग़-बाग़ हो गया। कितनी सहजता से इतनी बड़ी बात कह गए, आप सुभानअल्लाह ! एक बात कहें वक़ील साहब, आपकी कहन में दार्शनिक भाव स्पष्ट झलकता है और आप एक बहुत ऊँचे स्तर पर बात करते हैं।
बहुत खूब..
jai LAL-BAWAL ki. achha laga aapke blog par aakar.
अच्छा है |
वाह !आप का एक शेर ही सवा शेर होता है..बहुत खूब कहते हैं!
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बवाल जी,आप को आप के जनमदिन की ढेरों बधाईयाँ और हार्दिक शुभकामनायें..
bade bhaee ko salaam ,
aaj janm din ke is mukaddas aur paak mauke ke liye bahot bahot badhaayee is adanaa ke dil-o-khas ki traf se ...
salaam
arsh
आदरणीय सर ,
देर से ही सही पर आपको जन्मदिन की हार्दिक बधाई।
आपकी बातों की दार्शनिकता और गहराई मुझे बेहद पसन्द आई है। मेरे ब्लॉग पर आकर मेरा हौसला बढाने के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ॥
ओ जाने वाले.. हो सके तो लौट के आना
jai ram ji ki bhaiya ....har narmade .....kya baat hai sir ...kai din ho gaye....koi phone nahi......
हो सके तो लौट के आना'
अब आप चल के बसे हैं .
बवाल जी,आप को आप के जनमदिन की ढेरों बधाईयाँ
aur bhai..kahaa the itne din?
देर से ही सही पर आपको जन्मदिन की बधाई....
मैं सब्रो-रंगे-सुकून में हूँ मुझे संभालो कि न संभालो
मैं चील-कौव्वों के काम आउं - जिन्हौंने अबतक नहीं सताया
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