शनिवार, 25 अक्तूबर 2008

जलाओगे रौशनी मिलेगी

चराग़ हैं हम, जो हमसे चाहोगे अपनी उजरत, वही मिलेगी !

बुझाओगे तीरगी मिलेगी, जलाओगे रौशनी मिलेगी !!

उजरत = मेहनताना
तीरगी = अँधेरा

3 टिप्‍पणियां:

Vivek Gupta ने कहा…

दीपावली की हार्दिक बधाईयाँ और शुभकामनाये

Udan Tashtari ने कहा…

याद आ गये तुम ये गाते हुए: वाह!!

आपको एवं आपके परिवार को दीपावली की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाऐं.

seema gupta ने कहा…

"what a thought and expressions, appreciable"

Regards