दुपहरिया बीत चली,
पनघट पर रीत चली !
पनिहारिन फिर लौटी,
भर रस की सागरिया !
माटी की गागरिया !!
--- पद्मश्री पं. भवानी प्रसाद तिवारी
!! हमारे उस्ताद लुक़्मान जी के भी उस्ताद और संस्कारधानी के प्रथम महापौर पद्मश्री पं. भवानी प्रसाद तिवारी की पुण्य जयंती १२ जनवरी पर उन्हें
शत् - शत् श्रद्धा-सुमन !!
और
!! आप सबको महाशिवरात्रि पर्व पर ढेर सारी शुभकामनाएँ !!
कचनार सिटी जबलपुर के ७६ फ़ीट ऊँचे शिवजी
भोला नई माने रे नई माने, मचल गए भंगिया (भाँग) पै
27 टिप्पणियां:
पंडितजी को हमारी भी श्रद्धांजलि बवाल भाई। क्या सुन्दर पंक्तिया हैं तस्वीर से मेल खाती हुई।
उनकी कालजयी रचना से रूबरू कराने के लिए आभार।
बम-बम भोले
...भर रस की सागरिया...
बहुत सुंदर प्रयोग है। इस ने इस रचना को शीर्ष पर रख दिया है।
पंडित जी को भावभीनी श्रृद्धांजलि!
पंडित जी को भावभीनी श्रृद्धांजलि!
पंडितजी को सादर नमन.
रामराम.
behtreen..
क्या बात है बवाल जी,
एक गागर खाली कमर पर जा रही है और एक गागर भरी सर पर आ रही है शायद यह चित्र पंडित जी के इस गीत के इसी छंद के लिए बना है। कितना सुन्दर। बहुत ही उम्दा पोस्ट।
--- सरदार हरगोविंद सिंह बड़वाल (बहरीन)
ಇದು ಕವಿತ ಒದಿ ತುಂಬ ಹರ್ಶ ಆಈತು.
A very nice poem with a beautiful painting. great and cute.
A very nice poem with a beautiful painting. great and cute.
A very nice poem with a beautiful painting. great and cute.
A very nice poem with a beautiful painting. great and cute.
पण्डित जी को श्रद्धाजलि । कविता बहुत बहतरीन लगी ।
बवाल जी ,
नमस्कार
शिवरात्रि पर आपको सपरिवार शुभकामनाएँ.
स्वर्गीय पंडित भवानी प्रसाद तिवारी जी को हमारे भी श्रद्धा सुमन ..
आपने स गीत के माध्यम से
उनकी रचना धर्मिता के प्रति भी अपनी आस्था व्यक्त की है.
श्रद्धेय लुकमान चचा और आप से भी इस गीत को सिद्दत के गाते हुए देखा है.
आप जैसे इंसान ही अपनी हुनर और समर्पण के साथ स्वर्गीय तिवारी जी को अमर बनाये हुए हैं.
हम आपके भी आभारी हैं.
दुपहरिया बीत चली,
पनघट पर रीत चली !
पनिहारिन फिर लौटी,
भर रस की सागरिया !
माटी की गागरिया !!
दिल को छु जाती हैं ये पंक्तियाँ .
- विजय
दुपहरिया में मैंने इस पनहारिन को गगरिया के साथ एन.एन.जे. चौक पर देखा था ..हा हा हा . महाशिवरात्रि की शुभकामना
भोला नई माने रे मचल गए भंगिया (भाँग) पै...
अहा
हर हर महादेव
महाशिवरात्रि की शुभकामना.
बवाल भाई, पंडितजी को हमारी भी श्रद्धांजलि , बहुत सुंदर रचना, आप से इस बार फ़ोन पर बात हुयी, लेकिन अगली बार आप से मिलना जरुर होगा, मै एक दो दिनो तक आप से फ़ोन पर बात करुंगा
Wah babal
sabakee pawati aa gain
ab batao bhajiye kaise the
पंडित भवानी प्रसाद तिवारी जी के बारे में परसाईजी के लेख में पढ़ा है। सुन्दर पोस्ट!
पंडितजी को हमारी श्रद्धांजलि ..
सुंदर चित्र है .... पनिहारिन की गागरी और छलकता जल भांग से भी ज़्यादा नशा दे रहा है ...
श्रद्धांजलि!
पंडित जी को भावभीनी श्रृद्धांजलि!
पंडित जी को शत शत नमन और श्रद्धांजलि .
अब समझा आपकी उर्जा का श्रोत . हर हर महादेव . तरंगित आनंदित रहो बंधू !
सुंदर पोस्ट.
होली और मिलाद उन नबी की शुभकामनायें !
पंडित जी को श्रृद्धांजलि!
"RAM"
yaar bada intezar karwate ho .aise main bhee is type ka gunhgar hoon !
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