हरदिल-अज़ीज़ प्रभु यीशु के पावन अवतरण पर उनकी शान में---
अब तक सलीब पर तो, मिलती रही सज़ाएँ !
पर अब सलीब से ही, महकीं हैं ये फ़िज़ाएँ !!
---बवाल
सलीब = सूली
भावार्थ :-
जब तक यीशु सूली पर नहीं चढ़े थे तब तक तो सूली (क्रॉस) , पर क्रूरता पूर्वक सज़ाएँ दी जाती रहीं. मगर उनके बाद, अब वही सूली (क्रॉस), पवित्रता को प्राप्त करके, तमाम आलम को शान्ति और अमन का संदेश देकर पल्लवित कर रही है.
गुरुवार, 25 दिसंबर 2008
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15 टिप्पणियां:
बड़े भाई नमस्कार,
बहोत खूब हक़ अदा किया है आपने लफ्जो के साथ ,बहोत ही सुंदर लिखा है आपने ढेरो बधाई स्वीकारें...क्रिसमस पर भी बहोत बहोत शुभकामनाएं ..
अर्श
मसीह की शान में इस से बढ़िया शेर नहीं कहा जा सकता।
बहुत सुन्दर ! सकारात्मक सोच !
बहुत सुन्दर... आने वाला साल... आप और आपके परिवार के लिये शुभ,मंगलमय और स्मृद्धिदायक हो....
लाजवाब बवाल साहब ! वाकई बेमिसाल ! नमन आपको !
बहुत सुंदर बात कही आपने ..
बहुत प्यारा एवं अर्थपूर्ण शेर !!
दिनेश जी ने मेरा ध्यान इस ओर आकर्षित किया जिसके लिये मैं उनका आभारी हूँ.
सस्नेह -- शास्त्री
अब तक सलीब पर तो, मिलती रही सज़ाएँ !
पर अब सलीब से ही, महकीं हैं ये फ़िज़ाएँ !!
"kmaal of bvaal...great, superb"
regards
लाजवाब बवाल भाई...लाजवाब...वाह...
नीरज
"वही सूली पवित्रता को प्राप्त करके, तमाम आलम को शान्ति और अमन का संदेश देकर पल्लवित कर रही है. "
भाई अच्छा लिखा है
आपका
विजय
उसने मुझे सलीब पे चड़ने नहीं दिया,
ताकत खुदा की गोया जान गया है..?
जो अब सलीब से महकी हैं ये फिजाएं
ले लें उसे दिल पे और यूं तुम्हे सजाएं
salaam kubul ho
जो अब सलीब से महकी हैं ये फिजाएं
ले लें उसे दिल पे और यूं तुम्हे सजाएं
नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल कामनाओ के साथ .धन्यवाद.
आपको तथा आपके पुरे परिवार को नव्रर्ष की मंगलकामनाएँ...साल के आखिरी ग़ज़ल पे आपकी दाद चाहूँगा .....
अर्श
"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
regards
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