गुरुवार, 25 दिसंबर 2008

महकीं हैं ये फ़िज़ाएँ........

हरदिल-अज़ीज़ प्रभु यीशु के पावन अवतरण पर उनकी शान में---

अब तक सलीब पर तो, मिलती रही सज़ाएँ !

पर अब सलीब से ही, महकीं हैं ये फ़िज़ाएँ !!

---बवाल

सलीब = सूली
भावार्थ :-
जब तक यीशु सूली पर नहीं चढ़े थे तब तक तो सूली (क्रॉस) , पर क्रूरता पूर्वक सज़ाएँ दी जाती रहीं. मगर उनके बाद, अब वही सूली (क्रॉस), पवित्रता को प्राप्त करके, तमाम आलम को शान्ति और अमन का संदेश देकर पल्लवित कर रही है.

15 टिप्‍पणियां:

"अर्श" ने कहा…

बड़े भाई नमस्कार,
बहोत खूब हक़ अदा किया है आपने लफ्जो के साथ ,बहोत ही सुंदर लिखा है आपने ढेरो बधाई स्वीकारें...क्रिसमस पर भी बहोत बहोत शुभकामनाएं ..


अर्श

दिनेशराय द्विवेदी ने कहा…

मसीह की शान में इस से बढ़िया शेर नहीं कहा जा सकता।

विवेक सिंह ने कहा…

बहुत सुन्दर ! सकारात्मक सोच !

समयचक्र ने कहा…

बहुत सुन्दर... आने वाला साल... आप और आपके परिवार के लिये शुभ,मंगलमय और स्मृद्धिदायक हो....

ताऊ रामपुरिया ने कहा…

लाजवाब बवाल साहब ! वाकई बेमिसाल ! नमन आपको !

रंजू भाटिया ने कहा…

बहुत सुंदर बात कही आपने ..

Shastri JC Philip ने कहा…

बहुत प्यारा एवं अर्थपूर्ण शेर !!

दिनेश जी ने मेरा ध्यान इस ओर आकर्षित किया जिसके लिये मैं उनका आभारी हूँ.

सस्नेह -- शास्त्री

seema gupta ने कहा…

अब तक सलीब पर तो, मिलती रही सज़ाएँ !
पर अब सलीब से ही, महकीं हैं ये फ़िज़ाएँ !!
"kmaal of bvaal...great, superb"

regards

नीरज गोस्वामी ने कहा…

लाजवाब बवाल भाई...लाजवाब...वाह...
नीरज

विजय तिवारी " किसलय " ने कहा…

"वही सूली पवित्रता को प्राप्त करके, तमाम आलम को शान्ति और अमन का संदेश देकर पल्लवित कर रही है. "

भाई अच्छा लिखा है
आपका
विजय

बाल भवन जबलपुर ने कहा…

उसने मुझे सलीब पे चड़ने नहीं दिया,
ताकत खुदा की गोया जान गया है..?

अनुपम अग्रवाल ने कहा…

जो अब सलीब से महकी हैं ये फिजाएं
ले लें उसे दिल पे और यूं तुम्हे सजाएं

salaam kubul ho

महेन्द्र मिश्र ने कहा…

जो अब सलीब से महकी हैं ये फिजाएं
ले लें उसे दिल पे और यूं तुम्हे सजाएं

नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल कामनाओ के साथ .धन्यवाद.

"अर्श" ने कहा…

आपको तथा आपके पुरे परिवार को नव्रर्ष की मंगलकामनाएँ...साल के आखिरी ग़ज़ल पे आपकी दाद चाहूँगा .....

अर्श

seema gupta ने कहा…

"नव वर्ष २००९ - आप सभी ब्लॉग परिवार और समस्त देश वासियों के परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं "
regards